इस वर्ष का नोबेल शांति पुरस्कार (2025) वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना माचाडो को दिया गया है। माचाडो को यह पुरस्कार लोकतंत्र की बहाली, मानवाधिकारों की रक्षा और शांतिपूर्ण संघर्ष के लिए प्रदान किया गया है।
वहीँ , पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को उम्मीद थी कि उन्हें यह सम्मान मिल सकता है, लेकिन नोबेल कमेटी ने उनके नाम पर विचार नहीं किया।
ट्रम्प को आखिर क्यों नहीं मिला नोबेल शांति पुरस्कार?
डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल के महीनों में इजरायल-गाज़ा संघर्ष में मध्यस्थता की कोशिश की थी और दावा किया था कि उनके प्रयासों से कई देशों के बीच “शांति वार्ता” संभव हुई।
लेकिन नोबेल समिति के अनुसार, पुरस्कार के लिए केवल “क्षणिक या राजनीतिक” प्रयास पर्याप्त नहीं होते — इसके लिए दीर्घकालिक और प्रभावशाली योगदान ज़रूरी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रम्प की विदेश नीति और उनके कार्यकाल में उठे विवाद (जैसे कि पेरिस जलवायु समझौते से बाहर निकलना, नाटो पर बयान, और घरेलू विभाजन) ने उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया।
नोबेल कमेटी आमतौर पर ऐसे व्यक्तियों को सम्मानित करती है जिनका काम शांति और मानवाधिकार के क्षेत्र में निरंतर और विवादरहित रहा हो।
विजेता को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना (10.3 करोड़ रुपये ) ,सोने की मेडल और सर्टिफिकेट मिलेगा..पुरूस्कार 10 दिसम्बर को ओस्लो में दिए जाएंगे…
मारिया कोरिना माचाडो: लोकतंत्र की आवाज़

वेनेजुएला की मारिया कोरिना माचाडो पिछले कई वर्षों से अपने देश में लोकतंत्र की बहाली और नागरिक अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही हैं।
वे राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार की मुखर आलोचक रही हैं और उन्होंने शांतिपूर्ण विरोध आंदोलनों के ज़रिए देश में स्वतंत्र चुनावों की मांग की है।
नोबेल कमेटी ने कहा कि माचाडो का संघर्ष “अंधकार के बीच लोकतंत्र की ज्योति” है।
उनका यह सम्मान दुनिया भर में उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो बिना हिंसा के राजनीतिक परिवर्तन की राह तलाश रहे हैं।
नोबेल कमेटी बोली- हमने हमेशा बहादुरों को सम्मानित किया
नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने कहा कि हमने हमेशा बहादुर लोगों को सम्मानित किया है जिन्होंने दमन के खिलाफ खड़े होकर आजादी की उम्मीद बनाये रखी..पिछले साल माचाडो को अपनी जान बचाने के लिए छिपकर रहना पड़ा , लेकिन उन्होंने देश में ही रहना चुना जिससे लाखों लोग प्रेरित हुए….
🌍 नोबेल शांति पुरस्कार देने वाली नॉर्वे की समिति ने कहा ->“यह सम्मान उन सभी के लिए है जो लोकतंत्र और स्वतंत्रता के लिए बिना हिंसा के संघर्ष कर रहे हैं।”
इस चयन के ज़रिए दुनिया को यह संदेश दिया गया है कि शांति केवल समझौतों से नहीं, बल्कि नागरिक अधिकारों की रक्षा और स्वतंत्र विचारों के प्रति सम्मान से आती है।
डोनाल्ड ट्रम्प का नोबेल पुरस्कार न मिलना भले ही उनके समर्थकों के लिए निराशाजनक हो, लेकिन माचाडो को यह सम्मान मिलना लोकतंत्र के लिए वैश्विक जीत है।
यह पुरस्कार बताता है कि असली शांति उन लोगों से आती है जो जोखिम उठाकर भी जनता की आवाज़ बनते हैं — न कि उन नेताओं से जो केवल सत्ता के गलियारों में शांति की बातें करते हैं।
वर्ष 2025 में विभिन्न क्षेत्रों में मिलने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता:-

फिजियोलॉजी या चिकित्सा (Physiology or Medicine):-Mary E. Brunkow, Fred Ramsdell, Shimon Sakaguchi Peripheral immune tolerance (प्रतिरीक्षण प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित करने वाले तंत्र) की खोज।
भौतिकी (Physics):- John Clarke, Michel H. Devoret, John M. Martinis उन्होंने ऐसे प्रयोग किए जिससे यह दिखाया गया कि बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक सर्किट में क्वांटम प्रभाव काम कर सकते हैं — मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग और ऊर्जा क्वांटाइजेशन के क्षेत्र में।
रसायन विज्ञान (Chemistry):-Susumu Kitagawa, Richard Robson, Omar M. Yaghi मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क्स (MOFs) की खोज जिनका उपयोग गैस संग्रह, पर्यावरणीय अनुप्रयोग आदि में हो सकता है।
साहित्य (Literature):-László Krasznahorkai “एक ऐसी प्रेरक एवं दूरदर्शी रचनात्मकता जिसके भीतर “अपोकैलिप्टिक आतंक” के बीच भी कलात्मक शक्ति की पुनर्स्थापना होती है।”





