सीतामढ़ी के पुनौराधाम, जिसे माता सीता की जन्मस्थली माना जाता है, के विकास के लिए बिहार सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। यह विकास कार्य अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर की तर्ज पर किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य इस पवित्र स्थल को एक भव्य धार्मिक और पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
पुनौराधाम विकास परियोजना की प्रमुख बातें
बिहार कैबिनेट ने पुनौराधाम के समग्र विकास के लिए 882.87 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी है। इस राशि का उपयोग केवल मंदिर निर्माण के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा। इस परियोजना के तहत कई महत्वपूर्ण कार्य किए जाने हैं:
* भव्य जानकी मंदिर का निर्माण: अयोध्या के श्री राम मंदिर की तरह ही, यहां भी मां जानकी का एक विशाल और भव्य मंदिर बनाया जाएगा। इसके लिए राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के लाल बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया जाएगा, जो इसकी सुंदरता और मजबूती को बढ़ाएगा।
* शिलान्यास: इस मंदिर का शिलान्यास 08 अगस्त 2025 में हो गया है।
* बुनियादी सुविधाओं का विकास: श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए कई नई संरचनाएं बनाई जाएंगी, जैसे –
* सीता सरोवर: एक सुंदर सरोवर, जहां श्रद्धालु ध्यान और पूजा कर सकेंगे।
* ध्यान केंद्र: शांतिपूर्ण वातावरण में ध्यान करने के लिए एक विशेष स्थान।
* प्रदर्शनी हॉल: यहां मां सीता और रामायण से जुड़ी हुई कहानियों और इतिहास को दर्शाया जाएगा।
* पार्किंग, शौचालय और अन्य यात्री सुविधाएं: दूर-दराज से आने वाले भक्तों के लिए बेहतर सुविधाएं।
* ट्रस्ट का पुनर्गठन: इस विकास कार्य के क्रियान्वयन और देखरेख के लिए बिहार सरकार ने एक ट्रस्ट का पुनर्गठन किया है, जिसका नेतृत्व बिहार के मुख्य सचिव करेंगे।
* पर्यटन को बढ़ावा: इस परियोजना का मुख्य लक्ष्य पुनौराधाम को एक विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन स्थल बनाना है, जिससे न सिर्फ यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
इन प्रयासों से उम्मीद है कि सीतामढ़ी का पुनौराधाम जल्द ही एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में उभरेगा, जो भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाएगा।





