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टीम इंडिया ने फिर गाड़ा जीत का झंडा , एशिया कप पर कब्जा.., तिलक वर्मा की तिलक कहानी…

एशिया कप पर कब्जा

भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप 2025 का फाइनल मैच दुबई में खेला गया। इस मुकाबले में भारत ने रोमांचक तरीके से पाकिस्तान को मात दी और एशिया कप की अपनी नौवीं ट्रॉफी अपने नाम की। इस टूर्नामेंट में भारत की पाकिस्तान पर तीसरी बड़ी जीत रही..

फाइनल मैच में कब क्या हुआ?

पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 146 रन पर अपनी पारी समेटी (19.1 ओवर में)। भारत ने 147 रनों का लक्ष्य आखिरी ओवरों तक ले जाकर पूरा किया, और 5 विकेटों से जीत दर्ज की। भारत ने 19.4 ओवरों में लक्ष्य हासिल किया। इस जीत के साथ भारत ने रिकॉर्ड अपनी नौवीं एशिया कप ट्रॉफी भी जीत ली।

पहली इंनिग में पाकिस्तान ने बैटिंग किया,जिसमें पाकिस्तान की शुरुआत अच्छी थी.. उनके ओपनिंग जोड़ी—साहिबज़ादा फरहान और फखर ज़मान ने अच्छी साझेदारी दी, जिससे टीम 113/1 तक पहुँच गई। हालांकि शुरुआती अच्छी स्थिति के बाद पाकिस्तान ने अचानक पतन झेला। उनकी पारी 146 पर ऑल-आउट हो गई, जहाँ उन्होंने आखिरी 9 विकेट सिर्फ 33 रन जोड़कर गंवा दिए।

एशिया कप पर कब्जा

पाक के गिरते विकेट में कुलदीप यादव की गेंदबाज़ी ने अहम योगदान दिया — उसने 4 विकेट लिए और पाकिस्तान की पारी को तोड़ने में निर्णायक भूमिका निभाई।

वरुण चक्रवर्ती, अक्षर पटेल और जसप्रीत बुमराह ने भी अच्छी गेंदबाजी की..दूसरी पारी में भारत ने शुरुआत में ही 3 विकेट गंवा दिए थे, और स्कोर 20/3 तक गया।

इसके बाद तिलक वर्मा ने अडिग खेलते हुए 69 (53 गेंदों में नाबाद)* की पारी खेली, जिससे भारत के लिए दरवाज़े खोल दिए।

शिवम दुबे ने 33 रन (22 गेंदों में) की उपयोगी पारी खेली, और रिंकू सिंह ने उस आखिरी, निर्णायक रन की चार देकर भारत को जीत दिलाई। भारत को आखिरी ओवर में बेहद दबाव में थे, लेकिन उन्होंने संयम और धैर्य दिखाया।

रिंकू सिंह ने अंतिम ओवर में केवल एक गेंद खेली और उसी गेंद को boundary में भेज कर जीत पाई।

इंडिया

इस रोमांचक जीत के बाद भी मैच विवादों से खाली नहीं नहीं रहा..

[ ] भारत की टीम ने एशिया कप की ट्रॉफी को पीसीबी अध्यक्ष एवं एशियाई क्रिकेट कौंसिल (ACC) अध्यक्ष मोहसिन नाज़वी से लेने से मना कर दिया। इस कारण प्रस्तुतिकरण समारोह देरी से शुरू हुआ और अंततः ट्रॉफी प्रस्तुति पूरी नहीं हो पाई।

[ ] टीम ने पुरस्कार समारोह में भी उनकी उपस्थिति स्वीकार नहीं की। कप्तान सुर्यकुमार यादव ने कहा कि उन्हें “ट्रॉफी लेने का अवसर ही नहीं दिया गया”।

[ ] पूरे टूर्नामेंट के दौरान, भारत-पाकिस्तान टीमों के बीच हाथ मिलाने की परंपरा टूट गई—दोनों टीमों ने कई बार हाथ न मिलाने की स्थिति उत्पन्न की, और यह विवादास्पद चर्चा बनी रही।

पाकिस्तानी कप्तान :सलमान अघा ने यह कदम “क्रिकेट का अनादर” करार दिया।

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