Bihar News : बिहार के समस्तीपुर जिले में चुनाव से पहले आवासीय प्रमाण पत्र बनाने की हड़बड़ी के बीच एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां के मोहद्दीनगर प्रखंड में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम से एक आवासीय प्रमाण पत्र (निवासी प्रमाण पत्र) जारी होने की खबर से हड़कंप मच गया है।
यहां चुनाव से पहले मतदाताओं के विशेष निरीक्षण के नाम पर दस्तावेजों की जिस तरह से आपाधापी चल रही है, उसका एक चौंकाने वाला नतीजा सामने आया है। एक आवासीय प्रमाण पत्र किसी आम नागरिक के नाम पर नहीं, बल्कि सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर जारी कर दिया गया है। यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है और लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है।
यह हैरान कर देने वाली घटना समस्तीपुर के मोहद्दीनगर प्रखंड में घटी है। जहां एक कर्मचारी की कथित लापरवाही या फिर जानबूझकर की गई गलती ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ‘बिहार’ का निवासी बना दिया। यह मामला उस वक्त सामने आया जब लोग प्रमाणपत्रों की जांच कर रहे थे। इस खबर के सामने आते ही प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में जांच के आदेश दिए गए हैं।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह कोई पहला मामला नहीं है। अभी कुछ दिन पहले ही ‘डॉग बाबू’ के नाम से निवासी प्रमाण पत्र जारी होने का मामला पूरी तरह से ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब यह नया और भी ज्यादा हास्यास्पद मामला सामने आ गया है। एक तरफ जहां सरकार दस्तावेजों को डिजिटाइज और सुरक्षित बनाने का दावा करती है, वहीं दूसरी तरफ इस तरह की गलतियां यह दिखाती हैं कि जमीनी स्तर पर सत्यापन और निगरानी की प्रक्रिया कितनी कमजोर है।
इस तरह की लापरवाही सिर्फ हंसी-मजाक का विषय नहीं है, बल्कि यह एक गंभीर मुद्दा है। इससे न सिर्फ सरकारी दस्तावेजों की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं, बल्कि मतदाता सूची और नागरिकता जैसी संवेदनशील प्रक्रियाओं की सुरक्षा पर भी खतरा पैदा होता है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या मतदाता सत्यापन के नाम पर हो रही यह पूरी कवायद सिर्फ एक खानापूर्ति है? प्रशासन को तत्काल इस पर ध्यान देना चाहिए और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की शर्मनाक गलतियों को रोका जा सके। यह घटना दिखाती है कि डिजिटल इंडिया के दौर में भी, बुनियादी प्रक्रियाओं में सुधार की सख्त जरूरत है।





